Posts

Root strong hair oil

Image
आज कल बाल झड़ने की समस्या आम हो गई है। चाहे पुरुष हो या महिला,हर कोई बालों के झड़ने से परेशान है।और इसके कई कारण हो सकते हैं,जैसे पृदुषण,कम पोषण,जमी हुई गंदगी ईतयादि,झड़ते बालों को रोकने के लिए आप सभी तरह के तेल और दवाईयां ईसतेमाल करके थक गए हैं तो आपको (Root strong hair oil) को ईसतेमाल करना चाहिए ,जड़ी बुटियों से तैयार किया गया हर्बल तेल है। इसके ईसतेमाल से बालों का झड़ना बंद हो जाता है, काले और लंबे हो जाते हैं। यह तेल ऐंटिसेपटिक,और जीवाणुरोधी तेल है जो बालों के हर तरह के समस्याओं को दूर करने में काफी फायदेमंद माना जाता है।

कुर्बानी और कुर्बानी का जानवर

Image
    जब कोई इनसान कुर्बानी की नियत से जानवर पालता है और उसके खाने पीने का खयाल रखता है तो उसे उस जानवर से लगाव और मुहबबत हो जाती है।एक दिन ऐसा आता है कि उसी जानवर को खुद अपने ही हाथों अल्लाह की राह में कुर्बान कर देता है। यही वह कुर्बानी है जो अल्लाह को पसंद है। कयों कि अल्लाह तआला ने बड़ी आरजुओं के बाद ईबराहीम  अलैहिससलाम को एक सालेह फरजनद अता फरमाया और उसी की कुर्बानी मांग ली ।दोनों बाप और बेटे अल्लाह के हुक्म की तामील में निकल पड़े । ईबराहीम अलैहिससलाम ने जैसे ही बेटे  को जमीन पर लेटा कर गले पर छुरी चलानी चाही फौरन अल्लाह के तरफ से आवाज आई कि ऐ इब्राहीम तुने खाब को सच कर दिखाया। यानी इब्राहीम अलैहिससलाम आजमाईश में कामयाब हो गये और इसमाईल अलैहिससलाम के बदले दुमबा जिबह हुआ।अल्लाह तआला ने इसी इब्राहीम अलैहिससलाम की सुननत को उनके बाद आने वाले लोगों में जारी फरमा दिया। कुर्बानी का मकसद । अल्लाह ताआला का कुरबत हासिल करना है। कुर्बानी का जानवर कैसा हो? कुर्बानी का जानवर सेहत मंद हो।सिंग टुटा न हो । ल॔गड़ा न हो । काना न हो । और इतना कमजोर न हो कि हड्डीयों में दम ही न ...

शैतानी वसवसे और इलाज

Image
۔ ईनसान और शैतान की दुशमनी शुरू से ही चली आ रही है। जब अल्लाह ताआला ने हजरत आदम अलैहिससलाम का पुतला बना कर फरिशतों से सजदा करने को कहा तो सारे फरिशतों ने सजदा किया लेकिन शैतान ईबलिस ने सजदा करने से इंकार कर दिया। उसी वकत से उसने ईनसान को बहकाने का इरादा कर लिया और अल्लाह ताआला से मुहलत मांगी । अल्लाह ताआला ने उसे कयामत तक के लिए मुहलत दे दी। और फरमा दिया कि जो मेरे नेक बंदे होंगे वह तेरे बहकावे में नही आऐंगे। और जो तेरे बहकावे में आऐंगे उनके लिए दरदनाक अजाब तैयार कर रखा है। अल्लाह तआला ने कुरआन मजीद में इरशाद फरमाया, (إِنَّ الشَّيْطَانَ لَكُمْ عَدُوٌّ فَاتَّخِذُوهُ عَدُوًّا إِنَّمَا يَدْعُو حِزْبَهُ لِيَكُونُوا مِنْ أَصْحَابِ السَّعِيرِ) (فاطر:۶) बेशक शैतान तुम्हारा दुश्मन है।तुम उसे अपना दुश्मन ही समझो। वह अपने गिरोह वालों को इस लिए बुलाता है कि वे जहन्नम वालों में से हो जाएँ। आज हमारे मुआशरे में इस शैतान ने इंसानों पर अपनी पकड़ ईतनी मजबूत बना लिया है कि इंसान अच्छे और बुरे, हलाल व हराम में फर्क नहीं कर पाता। भाई, भाई का दुश्मन, बाप बेटे का दुश्मन, पड़ोसी  पड़ोसी का दुश्मन बना हु...

صرف اللہ ہی پکار سننے والا ھے

Image
 Sahih Al Bukhari, Chapter#97 Hadith#29 حَدَّثَنَا عُمَرُ بْنُ حَفْصٍ، حَدَّثَنَا أَبِي، حَدَّثَنَا الأَعْمَشُ، سَمِعْتُ أَبَا صَالِحٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ ـ رضى الله عنه ـ قَالَ قَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم ‏"‏ يَقُولُ اللَّهُ تَعَالَى أَنَا عِنْدَ ظَنِّ عَبْدِي بِي، وَأَنَا مَعَهُ إِذَا ذَكَرَنِي، فَإِنْ ذَكَرَنِي فِي نَفْسِهِ ذَكَرْتُهُ فِي نَفْسِي، وَإِنْ ذَكَرَنِي فِي مَلأٍ ذَكَرْتُهُ فِي مَلأٍ خَيْرٍ مِنْهُمْ، وَإِنْ تَقَرَّبَ إِلَىَّ بِشِبْرٍ تَقَرَّبْتُ إِلَيْهِ ذِرَاعًا، وَإِنْ تَقَرَّبَ إِلَىَّ ذِرَاعًا تَقَرَّبْتُ إِلَيْهِ بَاعًا، وَإِنْ أَتَانِي يَمْشِي أَتَيْتُهُ هَرْوَلَةً Narrated By Abu Huraira : The Prophet said, "Allah says: 'I am just as My slave thinks I am, (i.e. I am able to do for him what he thinks I can do for him) and I am with him if He remembers Me. If he remembers Me in himself, I too, remember him in Myself; and if he remembers Me in a group of people, I remember him in a group that is better than they; and if he comes one span n...

غیب کی کنجیاں اللہ کے پاس ھے

Image
 Sahih Al Bukhari, Chapter#97 Hadith#8 حَدَّثَنَا خَالِدُ بْنُ مَخْلَدٍ، حَدَّثَنَا سُلَيْمَانُ بْنُ بِلاَلٍ، حَدَّثَنِي عَبْدُ اللَّهِ بْنُ دِينَارٍ، عَنِ ابْنِ عُمَرَ ـ رضى الله عنهما ـ عَنِ النَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم قَالَ ‏"‏ مَفَاتِيحُ الْغَيْبِ خَمْسٌ لاَ يَعْلَمُهَا إِلاَّ اللَّهُ، لاَ يَعْلَمُ مَا تَغِيضُ الأَرْحَامُ إِلاَّ اللَّهُ، وَلاَ يَعْلَمُ مَا فِي غَدٍ إِلاَّ اللَّهُ، وَلاَ يَعْلَمُ مَتَى يَأْتِي الْمَطَرُ أَحَدٌ إِلاَّ اللَّهُ، وَلاَ تَدْرِي نَفْسٌ بِأَىِّ أَرْضٍ تَمُوتُ إِلاَّ اللَّهُ، وَلاَ يَعْلَمُ مَتَى تَقُومُ السَّاعَةُ إِلاَّ اللَّهُ Narrated By Ibn Umar : The Prophet said, "The keys of the unseen are five and none knows them but Allah: (1) None knows what is in the womb, but Allah: (2) None knows what will happen tomorrow, but Allah; (3) None knows when it will rain, but Allah; (4) None knows where he will die, but Allah (knows that); (5) and none knows when the Hour will be established, but Allah." ہم سے خالد بن مخلد نے بیان کیا کہا ہم...

موت کا بر حق ھونا

Image
 Sahih Al Bukhari, Chapter#97 Hadith#6 حَدَّثَنَا أَبُو النُّعْمَانِ، حَدَّثَنَا حَمَّادُ بْنُ زَيْدٍ، عَنْ عَاصِمٍ الأَحْوَلِ، عَنْ أَبِي عُثْمَانَ النَّهْدِيِّ، عَنْ أُسَامَةَ بْنِ زَيْدٍ، قَالَ كُنَّا عِنْدَ النَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم إِذْ جَاءَهُ رَسُولُ إِحْدَى بَنَاتِهِ يَدْعُوهُ إِلَى ابْنِهَا فِي الْمَوْتِ فَقَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم ‏"‏ ارْجِعْ فَأَخْبِرْهَا أَنَّ لِلَّهِ مَا أَخَذَ، وَلَهُ مَا أَعْطَى، وَكُلُّ شَىْءٍ عِنْدَهُ بِأَجَلٍ مُسَمًّى، فَمُرْهَا فَلْتَصْبِرْ وَلْتَحْتَسِبْ ‏"‏‏.‏ فَأَعَادَتِ الرَّسُولَ أَنَّهَا أَقْسَمَتْ لَتَأْتِيَنَّهَا، فَقَامَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم وَقَامَ مَعَهُ سَعْدُ بْنُ عُبَادَةَ وَمُعَاذُ بْنُ جَبَلٍ، فَدُفِعَ الصَّبِيُّ إِلَيْهِ وَنَفْسُهُ تَقَعْقَعُ كَأَنَّهَا فِي شَنٍّ فَفَاضَتْ عَيْنَاهُ فَقَالَ لَهُ سَعْدٌ يَا رَسُولَ اللَّهِ‏.‏ قَالَ ‏"‏ هَذِهِ رَحْمَةٌ جَعَلَهَا اللَّهُ فِي قُلُوبِ عِبَادِهِ، وَإِنَّمَا يَرْحَمُ اللَّهُ مِنْ عِبَادِهِ الرُّحَمَاءَ Narrated By Usama bin Zaid : We were with the P...

قربانی کی فضیلت

Image
{ وَ اَذَانٌ مِّنَ اللّٰہِ وَ رَسُوْلِہٖٓ اِلَی النَّاسِ یَوْمَ الْحَجِّ الْاَکْبَرِ اَنَّ اللّٰہَ بَرِیْٓئٌ مِّنَ الْمُشْرِکِیْنَ وَ رَسُوْلُہٗ} [التوبۃ: ۳]  اور حج اکبر کے دن اللہ اسکے رسول صلی اللہ علیہ وسلم کے طرف سے منادی کی جاتی ھے کہ  اللہ اور اسکے رسول صلی اللہ علیہ وسلم مشرکوں کے طرف سے بے تعلق ھیں،  اس آیت  کی تشریح حدیث سے ھو ٹی ھے کہ قربانی کا دن ہی حج اکبر ھے،  ( یَوْمُ الْحَجِّ الْاَکْبَرِ: یَوْمُ النَّحْرِ، وَالْحَجُّ الْاَکْبَرُ اَلْحَجُّ ) ’’حج اکبر کا دن قربانی کا دن ہے اور ’’حج اکبر‘‘حج ہے۔‘‘ یعنی قربانی کے دن کو ہی حج اکبر کہا جاتا ھے،، اسی لیے اس دن کو  بڑی عید بھی کہتے ہیں " اللہ تعالی نے قرآن کریم میں ارشاد فرما یا  { فَصَلِّ لِرَبِّکَ وَانْحَر [اکوثر :۲] ’’اپنے رب کے لیے نماز پڑھ اور قربانی کر‘‘ اس سے قربانی کی فضیلت کا اندازہ ھوتا ھے اور یہ بھی معلوم ھوا کی نماز اور قربانی دونوں صرف اللہ کے لئے ھی ھے ؛ قربانی در حقیقت حضرت ابراہیم علیہ السلام کی سنت ھے ؛ جیسا سورۃ الصافات میں ارشاد الٰہی ہے:  { وَفَدَیْنٰہُ بِذِبْحٍ ...